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दीपक राघव

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प्रशिक्षण हेतु

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मनीष शर्मा

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टॉप 20 कुटीर उद्योग के उपाय

क्या आप बेरोजगार हैं ? क्या आप गृहिणी हैं? या आप स्वयं का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं? यदि हाँ तो आज हम ऐसे ही कुटीर उद्योगों या cottage industry businesses के बारे में जानकारी देने वाले हैं। यह बिज़नेस आप घर बैठे कम पूंजी में, मशीनरी का कम से कम उपयोग करते हुए, अपने परिवार के साथ शुरू कर सकते हो। इस प्रकार के उद्योगों में 10,000 से 1.50 लाख तक निवेश हो सकता है। जबकी मशीनरी का उपयोग कर अधिक लागत वाले व्यवसाय को लघु उद्योग कहते। कोटेज़ इंडस्ट्रीज (कुटीर उद्योग) में परिश्रम पर आधारित इस व्यवसाय से आप रोजाना 500 से 1000 रुपये तक घर बैठे कमा सकते हैं। तो आइए जानें ऐसे ही 20 कुटीर उद्योगों के बारे में जिन्हें आप शुरू करके अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है :-

1. टिफिन बनाने का कुटीर व्यवसाय 

शहरी जीवन में विद्यार्थियों एवं नौकरी करने वालों के परिवार से दूर रहने के कारण टिफिन बनाने का उद्योग जोर पकड़ रहा है। ऐसे विद्यार्थी जो अपने परिवार से दूर रहते हैं या परिवार से दूर नौकरी करते हैं वे टिफिन मंगवा कर भोजन लेते हैं। घर में तैयार कर खाना डब्बे में बंद कर पहुंचाया जाता है। यह बहुत ही आसानी से किये जानें वाला व लोकप्रिय व्यवसाय है।

2. अगरबत्ती बनाने का काम

अगरबत्ती बनाने का उद्योग कम लागत में अधिक लाभदायक उद्योग है। 50,000 से 60,000 रुपये की लागत में मशीन को खरीदकर आप अच्छी आमदनी कर सकते हैं। चारकोल पाउडर, वुड पाउडर रोल, धूप एवं अन्य सुगन्धित सामग्री का मिश्रण तैयार करके से बनाई जा सकती हैं। इसका इस्तेमाल पूजा-अर्चना करने के लिए किया जाता है।

3. नमकीन बनाने का उद्योग 

नमकीन खाना सबको पसंद होता है। कुशल महिलाएं नमकीन बनाकर बाजार में उचित मूल्य पर बेच सकती हैं। नमकीन बनाने के लिए बेसन के साथ विभिन्न प्रकार की दालें जैसे उड़द, मूंग, चना आदि का उपयोग किया जाता है। नमकीन बनाने का कारोबार तेज़ी से विकसित हो रहा है इससे आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

4. बर्तन बनाने का उद्योग

ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी के बर्तन बनाने का उद्योग प्राचीन काल से चला आ रहा है। मिट्टी के बर्तन का उपयोग आज भी किया जाता है। छोटे व्यवसाय से कम निवेश में इसे शुरू किया जा सकता है। मिट्टी का घड़ा, सुराई, मिट्टी के खिलौने, मूर्तियाँ आदि तैयार कर बाजार में उचित मूल्य में बेचा जा सकता है।

5. साड़ी व कपड़ों का कुटीर व्यवसाय 

आजकल यह व्यापार बड़ा ट्रेंड में चल रहा है। महिलाएं कपड़ा बनाने वाली कंपनियों से सस्ते दामों में कपड़ा खरीदकर, बाजार के दामो में कपड़ा व साड़ियां बेचकर अपनी आजीविका चला सकती हैं। ये कपड़ा सूरत एवं अहमदाबाद में सस्ती दर पर मिल जायेगा। इसके अलावा, बनारस की साड़ियां बहुत प्रसिद्ध हैं। आप नई-नई डिज़ाइन सलेक्ट करके कम निवेश में अच्छा कमीशन कमा सकते हैं। इसी तरह का बिज़नेस आप ऑनलाइन भी कर सकते हैं जैसे अमेज़न या फ्लिपकार्ट पर सेलर बन कर। यहाँ पर आप अपना अकाउंट बनाकर कंपनियों को माल बेचकर कमीशन बना सकते हो।

6. रेस्टोरेंट व बेकरी कार्नर  

आजकल शहरों के भीड़भाड़ वाले इलाकों में छोटी सी जगह में रेस्टोरेंट व बैकरी कॉनर लगाने का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। इन इलाकों में रेस्टोरेंट व बेकरी कॉनर लगाकर आप अच्छी आमदनी कर सकते हैं। इसके लिए छोटी सी जगह व खाद्य सामग्री की आवश्यकता होती है। पापडी चाट, समोसा, भेल, पिज्जा, बर्गर आदि आइटम को शामिल कर सकते हैं। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए 60,000 से 70,000 रुपये की आवश्यकता होती है।

7. मसाला बनाने का उद्योग 

विभिन्न प्रकार के मसालों को तैयार कर बाजार में बेचा जा सकता है जैसे मिर्ची, हल्दी व धनिया आदि । यह उद्योग रसोई में होने वाली लागत व रोजमर्रा की आपूर्ति के लिए सक्षम है। इस व्यवसाय के लिए आपको मसाला पीसने के लिए छोटी चक्की की आवश्यकता पड़ती है। मसाला बनाने के कुटीर व्यवसाय में जितनी अधिक मार्केटिंग करेंगे उतना ही अधिक मुनाफा होगा।

8. फर्नीचर बनाने का उद्योग

घर मे काम आने वाला सामान जैसे कुर्सी, टेबल, पलंग एवं अन्य छोटे मोटे लकड़ी के फर्नीचर को तैयार कर उचित मूल्य में बेचा जा सकता है। कलात्मकता से निपुण इस छोटे व्यवसाय में लाभांश की भरमारता है। इसमें आप पर निर्भर करता है कि लकड़ी खरीदने के लिए आप कितना निवेश करते हैं।

9. पापड़ बनाने का कुटीर उद्योग

अपने घर पर ही पापड़ तैयार कर कुशल व्यवसायी के रूप में अच्छे दामों पे बाजार में बेचा जा सकता है। पापड़ का उपयोग सब्जी बनाने एवं खाने में किया जाता हैं। यह मूंग दाल, उड़द दाल के द्वारा तैयार किया जाता हैं । पापड की बाजार में बिक्री करके इस उद्योग को अच्छा व्यवसाय बनाया जा सकता है। 20000 से 25000 की लागत में शुरू कर, पापड की बाजार में बिक्री करके इस उद्योग को अच्छा व्यवसाय बनाया जा । इस व्यवसाय से अच्छा लाभ भी मिल सकता है।

10.  साबुन बनाने का उद्योग 

साबुन बनाने के कुटीर उद्योग के लिए कास्टिक सोडा, तेल, एसेंस आटा आदि सामग्री की जरूरत होती है। इनको मिलाकर व साबुन तैयार कर बाजार में बिक्री की जा सकती है। इनके लिये कुशलता हेतु जिला उद्योग केंद्र द्वारा 3 से 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है।

11. कपड़ों की छपाई का कार्य

कपड़ों को रंगकर व उन पर छपाई करके छोटे व्यवसाय का रूप दिया जा सकता है। फैक्टरियां, तैयार साधे कपड़े को रंगने के लिए देती हैं ताकि उसी कपड़े को आकर्षक बनाया जा सके। इस कार्य को शुरू करने के लिए आप कपड़े बनाने वाली फैक्टरी से सम्पर्क कर सकते हो। कम लागत का यह व्यवसाय निरन्तर गतिशील होता रहा है।

12. चूड़ी बनाने का कुटीर उद्योग

चूड़ी बनाने का व्यवसाय आप घर बैठकर परिवार के सहयोग से कर सकते हैं। इनके लिए आपको एक मशीन की आवश्यकता रहेगी जिसकी कीमत 50 से 70 हजार होती है। इसके अलावा आपको कच्चा माल भी खरीदना होगा। आप महिलाओं के हाथो में पहनने वाली प्लास्टिक की चूड़ियां बनाकर प्रतिदिन एक हजार रुपये तक धन कमा सकते हैं। इनकी मार्केटिंग व पैकिंग आपको ही करनी पड़ती है।

13. सिलाई करने का स्माल बिज़नेस 

आप घर बैठे कपड़ो की सिलाई करके अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। इनके लिए आपको एक मशीन की आवश्यकता होगी। यह मशीन आपको मार्केट में 3 से 4 हजार रुपये में आसानी से मिल जायेगी। इस मशीन पर सिलाई करके प्रतिदिन 700 से 1000 रुपये तक कमाया जा सकता है। सिलाई कार्य सिखाने के लिए सरकार की ओर से स्किल डेवलपमेंट के तहत इसमें ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके अलावा कुछ NGOs की तरफ से भी सिलाई की ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग की अवधि 3 से 6 महीने की होती है।

14 मेंहदी लगाने का व्यवसाय  

भारतीय संस्कृति में विवाह एवं अन्य सभी मंगलकारी कार्यक्रमों मे मेंहदी लगाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस व्यवसाय के लिए किसी मशीन को खरीदने की आवश्यकता नहीं है। बस अपने हुनर को उभारने की जरूरत है। हाथों की मेंहदी डिजाइन बनाने के लिए 200 से 300 रुपये मिलते हैं। शादियों में मेंहदी लगाने के लिए 10,000 रूपये तक दिया जा सकता है। इस व्यवसाय की मांग दिन ब दिन बढती जा रही है। मेंहदी के डिजाइन सिखाने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत प्रशिक्षण भी दिया जाता है। कम लागत का यह कारोबार अधिक मुनाफा प्रदान करता है व घर पर रहने वाली गृहिणियों के लिए बहुत ही अच्छा है।

15. सौंदर्य एवं श्रृंगार प्रसाधन उद्योग

शरीर की सुंदरता बढ़ाने के काम आने वाले प्रोडक्ट्स को सौंदर्य प्रसाधन या कॉस्मेटिक कहते हैं। इनका सम्बध शरीर के किसी अंग के मेकअप से है। कास्मेटिक प्रोडक्ट्स प्राकृतिक (natural) एवं कृत्रिम (artificial) दो प्रकार के होते हैं। आजकल पश्चिमी सभ्यता के चलते इसकी डिमांड दिन ब दिन बढ़ रही है। इस उद्योग से जुड़कर आप अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं । सरकार के द्वारा निशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इस प्रशिक्षण की अवधि चार माह की होती है। इसके लिए 10वीं पास होना आवश्यक है।

16. दोना पत्तल बनाने का छोटा उद्योग

यह उद्योग शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले मशीन खरीदनी होगी। डबल डाई फुल ओटोमेटिक नाम से इस मशीन की कीमत पचास हजार से शुरू होती है। इस मशीन की खासियत यह है की इसमें दो डाई लगी होती हैं। दोनों डाई 1 घण्टे में 1000 पीस तक का उत्पादन करती हैं।

आप समय-समय पर डाई बदलकर उत्पाद की साइज भी बदल सकते हैं। दोना पत्तल बनाने के लिए आपको रोल (कच्चा माल) खरीदने होंगे। यह माल आपको दिल्ली व सूरत में वाजिब दर पर मिल जायेगा। माल तैयार करने के बाद पैकिंग एवं मार्केटिंग आपको खुद को ही करनी होगी। मार्केट की डिमांड अनुसार यदि आप दोना, पत्तल व थाली का उत्पादन करें तो आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इनका उपयोग होटलों, विवाह समारोह व अन्य सभी प्रकार के समारोह में नास्ता करने के लिए किया जाता हैं। इनकी मांग निरन्तर बढ़ रही है। इसे बनाने के लिए कोई विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं होती है। दोना पत्तल पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आपको बैंक से लोन भी मिल सकता है।

17. गाय, भेड़ व बकरी का पालन 

गाय, भेड़ व बकरी का पालन कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। अच्छी नस्ल की गाय खरीदकर दूध की बिक्री की जा सकती है। इसके अलावा आप दही, माखन, घी व छाछ भी बेच कर धन कमा सकते हैं। पशुओं से प्राप्त होने वाली गोबर खाद को बेचकर लाभांश प्राप्त कर सकते हैं। इस खाद को खेतों में भूमि की उर्वरता शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। पशु पालन सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाले कुटीर उद्योगो में से एक है। इस उद्योग को शुरू करने के लिए सरकार की ओर से लोन भी दिया जाता है।

18. अचार बनाने का उद्योग 

कई तरह के आचार जैसे मिर्च, आम, जलपाई, आवंला आदि बनाकर बिक्री किया जा सकता है। आचार का व्यापार कम लागत और भरपूर मेहनत से सफलता पूर्वक किया जा सकता है। यह आचार एक से दो महीने में तैयार हो जाता है। शुरूआत में प्रचार प्रसार के लिए मार्केटिंग करनी पड सकती है।