राजीव भाई के बारे में जाने

मित्रो राजीव दीक्षित जी के परिचय मे जितनी बातें कही जाए वो कम है ! कुछ चंद शब्दो मे उनके परिचय को बयान कर पाना असंभव है ! ये बात वो लोग बहुत अच्छे से समझ सकते है जिन्होने राजीव दीक्षित जी को गहराई से सुना और समझा है !! फिर भी हमने कुछ प्रयास कर उनके परिचय को कुछ शब्दो का रूप देने का प्रयत्न किया है ! परिचय शुरू करने से पहले हम आपको ये बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि जितना परिचय राजीव भाई का हम आपको बताने का प्रयत्न करेंगे वो उनके जीवन मे किये गये कार्यों का मात्र 1% से भी कम ही होगा ! उनको पूर्ण रूप से जानना है तो आपको उनके व्याख्यानों को सुनना पडेगा !!

राजीव दीक्षित जी का जन्म 30 नवम्बर 1967 को उत्तर प्रदेश राज्य के अलीगढ़ जनपद की अतरौली तहसील के नाह गाँव में पिता राधेश्याम दीक्षित एवं माता मिथिलेश कुमारी के यहाँ हुआ था। उन्होने प्रारम्भिक और माध्यमिक शिक्षा फिरोजाबाद जिले के एक स्कूल से प्राप्त की !! इसके उपरान्त उन्होने इलाहाबाद शहर के जे.के इंस्टीट्यूट से बी० टेक० और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) से एम० टेक० की उपाधि प्राप्त की। उसके बाद राजीव भाई ने कुछ समय भारत CSIR(Council of Scientific and Industrial Research) मे कार्य किया। तत्पश्चात् वे किसी Research Project मे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ० ए पी जे अब्दुल कलाम के साथ भी कार्य किया !!

पिछले ५०० सालो में राजीव दीक्षित जैसा कोई आदमी भारत में पैदा ही नहीं हुआ तो मै भी सोच में पड गया और मै उनकी इन बातों का कारन जानने के लिए हर पहलू पर विचार किया तो पाया की वास्तविकता यही है की राजीव भाई में इतनी शक्ति होते हुए भी उनकी नैतिकता का कोई शानी नहीं है।


१) राजीव भाई एक वैज्ञानिक थे और ज्ञान के भण्डार थे जिस पर उन्होंने कभी घमंड नहीं किया और सिर्फ हकीकत को जानने की कोशिश किया और उसे सबको बताया।

२) एक प्रखर प्रवक्ता थे जो कठिन ज्ञान को भी सरल भाषा में व्याख्यान के जरिये सबको बताया।

३) राजीव भाई थे तो सैटेलाईट टेक्नोलोजी वैज्ञानिक लेकिन उन्होंने धर्म, इतिहास, राजनीति, अर्थशाश्त्र, व्यापार, विदेशियों की लूट, खदानों की लूट, रक्षा अनुसंधान, आयुर्वेद, योग, उपनिषद, ग्राम विकास, उर्जा विज्ञान. खेती, दवाए सब पर बहुत ही बारीकी से अध्ययन किया और सबको जागरूक किया।

४) भारत की लूट के रहस्य “विदेशो में कालाधन” की सबसे पहले खुलासा किया।

५) शादी नहीं किया और पूरा जीवन जन सेवा और राष्ट्रसेवा में लगाया।

६) बहुत ही ईमानदार थे नैतिकता के पुजारी थे और इमानदारी से हर बात का सबूत एकत्रित किया और सबको साझा किया।

७) कभी पैसा कमाने की लाल्लसा नहीं पाली, देश के लिए ही लड़ते रहे।

८) कभी किसी से डरे नहीं और हर बात प्रमाण के साथ और शालीनता के साथ सबको बताया।

९) इतहास के रहस्य को भारत वासियों में बाटने वाले पहले व्यक्ति।

१०) कभी कोई नशा, मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया. स्वस्थ और हसमुख थे,

११) बहुत कम सोये और बहुत अध्ययन करके हम सबको जगाया।

१२) “भारत स्वाभिमान” जैसे संगठन की बाबा रामदेवजी के साथ मिलाकर निर्माण किया जो राष्ट्र निर्माण में लगा हुआ है।

१३) बड़े से बड़े प्रलोभन को ठुकराया,

१४) गाय की रक्षा अभियान में बहुत काम किया बताया कैसे गोवंश भारत को महान बना देंगे।

१५) विदेशो में किताबो में बंद रहस्य को सरल भाषा में भारतवासियों को बताया।

१६) बिना की भय के भारत के लूट की साजिस को सबको बताया अपने व्याखानो के जरिये।

१७) भारत के इतिहास के खुलासो को सबसे पहले बिना डरे जनता को बताया।

अब क्या क्या लिखे, मै मानता हू जिसने राजीव दिक्सित के व्याख्यान नहीं सुने उसकी शिक्षा ही अधूरी है,

राजीव दीक्षित जी को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि यही होगी की उनके व्याख्यानों (आडियो / वीडियो) को खुद सुने और लोगो की मोबाइलों में लोड करे, सैलूनो, बसों, पान की दुकानों, कम्पूटर की दुकानों में देकर सबको सुनाने के लिए कहे.